स्त्री पुरुष समानता | Gender Equality




गायत्री :- लड़की

सविता बहन:- लड़की की मां

घनश्याम भाई :- लड़की के पापा

प्रियंका :- लड़की की सहेली 

धवल :- लड़की का पति

वनराज शाह :- बॉस ]



गायत्री :- मम्मी मेरा रिजल्ट आ गया !


सविता बहन :- बेटा, क्या रिजल्ट आया!


गायत्री :- मैं फर्स्ट क्लास से पास हो गई!

घनश्याम भाई :- अच्छा बेटा! और आगे क्या सोचा है!

गायत्री :- पापा, मैं अपने पैरों पे खड़ी होना चाहती हूं! इसलिए मुझे जॉब करनी है!

घनश्याम भाई :- नहीं बेटा, हमारी समाज की लड़कियां जॉब नहीं करती! वैसे भी तुम्हारी उम्र शादी करने की हो गई है!

सविता बहन :- हां बेटा, अब घर के काम सीख लो! 

तुम्हें अपने ससुराल जाके यही करना है!

गायत्री:- सब लड़कियां जॉब नहीं करती तो क्या मैं भी नहीं करूं?

सविता बहन :- तुम्हारे पापा कहते हैं वही करना है!

घनश्याम भाई :- नहीं बेटा, जॉब तो नहीं करनी है! अब जाओ और अपनी मम्मी के कामों में हाथ बढ़ाओ! वैसे भी हमारे ध्यान में एक लड़का है! जल्द ही बात करके तुम्हारी शादी करवा देंगे!

गायत्री:- (रोते हुए)

           

         [ अगले दिन ]


प्रियंका :- हाय गायत्री! कैसी हो ?तुम्हारे तो बहुत अच्छे मार्क्स आ गए! अब आगे क्या करना है!


गायत्री:- हां प्रियंका अच्छे मार्क्स तो आ गए लेकिन उसका क्या?

प्रियंका:- क्यों ऐसा बोल रही है?

गायत्री:- देखना हमारे समाज की लड़कीयाॅं जॉब नहीं करती इसलिए मेरे मम्मी पापा मुझे जॉब नहीं करने दे रहे हैं। मेरी शादी करवाना चाहते हैं।

प्रियंका:- ओह! अब क्या कर सकते हैं, तुम्हें उनकी बात मानने के अलावा दूसरा कोई चारा भी नहीं है।

गायत्री:- चलो अब मैं घर जाती हूं, फिर मिलते हैं।

प्रियंका:- अच्छा तो शादी में बुलाना, भूल मत जाना।

गायत्री:- अरे हां हां, जरूर यह भी कोई कहने की बात है! (मुस्कुराते हुए)


[2 महीने बाद गायत्री की शादी हो गई और वह अपने ससुराल में है।]


धवल:- गायत्री, मेरा टिफिन जल्दी से दो मुझे ऑफिस जाने में देर हो रही है।

गायत्री:- हां जी टिफिन तैयार है, यह लो आपका टिफिन।

धवल:- ओके बाय चलो शाम को मिलते हैं।


[शाम को]


गायत्री:- आप हाथ मुंह धो लो मैं खाना लगाती हूं।

धवल:- हां।

[डिनर करते करते]

गायत्री:- मैं आपको एक बात बताना चाहती हूं।

धवल:- हां बोलो ना क्या बात है।

गायत्री : मैं पूरा दिन अकेले घर में बोर हो जाती हूं मैं भी जॉब करूं |

धवल : जॉब की क्या जरूरत है मैं कर तो रहा हूं तुम्हें जरूरत नहीं है |


        [6 महीने बाद]




[कोरोना की परिस्थिति की वजह से 6 महीने का लॉक डाउन आ गया हो गया]

[ऑफिस का पहला दिन]

वनराज शाह : डबल केबिन में आओ मुझे कुछ बात करनी है |

धवल : जी सर बोलिए |

वनराज शाह : देखो धवल तुम्हें पता ही है कि कोरोना की वजह से बहुत सारी कंपनी में लॉस हुआ है हर जगह मंदी चल रही है और हमारी कंपनी का प्रॉफिट पहले जैसा नहीं रहा कि हम अपने एंपलॉयर्स की पूरी सैलरी दे सके और जैसे आप लॉकडाउन की वजह से कंपनी में नहीं आ सकते थे तो इस वजह से हमारी मैनेजमेंट टीम ने सिर्फ लॉकल एम्पलॉइज को कंटिन्यू करने का ऑर्डर दिया है । ये रहा आपका टर्मिनेशन लेटर ।

धवल : सर आप एक बार मैनेजमेंट टीम से बात कर के तो देखिए ।

वनराज शाह : सोरी धवल मेरे हाथ में कुछ नहीं है, ये मैनेजमेंट का डिसीजन है ।

धवल: निराश होकर चला जाता है ।

गायत्री : आइए केसा रहा पहला दिन ऑफिस में ?

धवल : (साइलेंट मूड, कुछ नहीं बोलता)

गायत्री : क्या हुआ क्या बात है, आपका चेहरा उतरा हुआ क्यों है ?

धवल: कुछ नहीं आज जैसे ही में ऑफिस गया और बॉस ने मुझे टर्मिनेशन लेटर दे दिया । 

गायत्री: क्यों सीधा टर्मिनेशन लेटर क्यों दे दिया, ऐसा क्या गलत किया आपने ?

धवल : कोरॉना की वजह मैनेजमेंट टीम का ऑर्डर था, इसलिए लोकल एम्पलॉइज को रखा और हम सबको निकाल दिया ।

गायत्री : ये तो बोहोत बुरा हुआ, अब हम क्या करेंगे ?

धवल : अब क्या ! किसी भी कंपनी में मार्केटिंग वाली जॉब मिलना मुश्किल है , मैं ऑनलाइन जॉब ढूंढता हूं कुछ ना कुछ तो कर ही लेंगे ।

गायत्री : ठीक है ।

[प्रियंका का कॉल आता है]

प्रियंका:- हैलो, गायत्री...

गायत्री:- हैलो…..

प्रियंका:- क्या हाल है? बहुत दिन हुए तुमसे बात नहीं हुई तो कॉल किया !

गायत्री:- क्या बताऊ यार अभी तो थोड़ा टेंशन वाला माहौल चल रहा है !

प्रियंका:- क्यु, क्या हुआ? केसा टेंशन?

गायत्री:- देखना कोरोना भी बढ़ रहा है और प्रबंधन टीम ने स्थानीय कर्मचारी को रख के बाकी सब को निकाल दिया इसी लिए इनकी भी जॉब चली गई !

प्रियंका:- ओह, तो तुम्हारे घर में बहुत टेंशन चल रहा होगा !कोई मदद चाइए तो बताना मुझे. 

गायत्री:- हा जरूर, तुम्हारे ध्यान में कोई जॉब हो तो मुझे बताना !

प्रियंका:- ठीक है जरूर बताऊंगी

[धवल और गायत्री चर्चा करते है टीवी देखते हुए]

धवल:- अरे देखोना अब तो पूर्ण लॉकडाउन जाहेर कर दिया ! अब हम क्या करेंगे?

 गायत्री :- हमारी मुश्किल और भी बढ़ गई, एक तरफ हमारा रोजाना खर्च और दूसरी तरफ हमारी सेविंग भी खत्म होने आई है!


 धवल :- हमें जल्द ही कुछ करना होगा, वरना हमारी हालत और भी खराब हो सकती है! आज मैं फिरसे ऑनलाइन जॉब सर्च करता हूं!



           [ एक महीने बाद- सुबह-सुबह ]


प्रियंका :- गुड मॉर्निंग, गायत्री!


गायत्री :- गुड मॉर्निंग ! कैसे याद किया?


प्रियंका :- तुम्हारे लिए एक अच्छी खबर है इसलिए मैंने सुबह-सुबह जल्द ही फोन किया!


गायत्री :- (उत्साहित...) वाह! ऐसी क्या बात है फटाफट से बता , बहुत टाइम से अच्छी खबर सुनने को मिली ही नहीं है!


प्रियंका :- अच्छा तो सुन मेरे पास बहुत अच्छी वैकेंसी है! तुम इसमें जोइन करोगी तो तुम्हारे टेंशन थोड़े कम हो जाएंगे ! मैंने भी अप्लाई किया है !


गायत्री :- ऐसा क्या है इस जॉब में!


प्रियंका :- इस जॉब का एन्युअल पैकेज 3.5 लाख और सीनियर पोस्ट है और वर्किंग टाइम भी कम है! पर यह जॉब सिर्फ लड़कियों के लिए है!


गायत्री :- जॉब तो अच्छी है , पर मैं धवल से बात करके फिर बताऊंगी!

प्रियंका :- अच्छा ठीक है,कोई बात नहीं मैं तुम्हे लिंक भेज देती हूं तुम्हारा कन्फर्म हो जाए तो एप्लाई कर देना।


गायत्री:- थैंक यू! जॉब अवसर के बारे में बताने के लिये, बाय....!

[गायत्री खुश होकर धवल को बताने जाती है]

गायत्री:- प्रियंका का कॉल आया था।


धवल:- क्या केह रहीं थीं।


गायत्री:- एक अच्छी जॉब बताई उसने! इसमें प्रियंका ने भी अप्लाई किया है. तो वोह मुझे भी बता रही थी।


धवल:- केसी जॉब अपॉर्चुनिटी, इसमें क्या बेनिफिट हैं।


गायत्री:- उस जॉब का एन्युअल पैकेज 3.5 लाख का हैं और सीनियर पोस्ट है, और उसमे वर्किंग टाइम भी कम हैं, ओर हमारे घर से नजदीक ही है।


धवल :- अरे वाह...! यह तो बहोत अच्छा अवसर है मै कल ही इस मैं अप्लाई कर देता हूं।


गायत्री:- अरे नहीं सुनिए , यह अवसर सिर्फ महिलाओं के लिए ही है।


धवल:- ओह.. फिर तो मुश्किल है।


गायत्री:- कयु?मै नहीं कर सकती जॉब मुझे करना है जॉब....!


धवल :- तुम टेंशन मत लो यह मेरी जिम्मेदारी है! में कुछ ना कुछ कर लूंगा।

गायत्री:- टेंशन जेसी कोई बात नहीं है ये सिरफ आप अकेले की जिम्मेदारी नहीं है, मेरी भी है। मैं भी आपको अपनी तरफ से जितना हो सके हेल्प करना चाहती हूं और यह ऑपर्च्युनिटी भी अच्छी है। जब तक आप ट्राई कर रहे हो तब तक तो मैं कर ही सकती हू ना....!

तो आपका क्या खयाल है इस बारे मे?


धवल :- हा, तुम्हारी बात तो सही है और हमारी सारी सेविंग्स भी खत्म होने आयी है। पर तुम्हारा कोई एक्सपीरियंस भी नही है तो तुम कर पाओगी ? तुम्हे कोई दिक्कत तो नही ना? 


गायत्री :- क्यों नही, पक्का कर पाऊंगी। मेरी पहले से इच्छा थी तो अब यह मौका मै हाथ से नहीं जाने देना चाहती।


धवल :- फिर ठीक है। तुम जॉब करना चाहती हो तो कर लो मैं भी घर का काम संभाल लूंगा, यह मेरी भी रिस्पांसिबिलिटी है।


गायत्री :- चलो अच्छा है, एक से भले दो। (स्मित हास्य) 







 ( वाइफ जॉब जॉइन करती है और हसबैंड घर का काम अच्छी तरह से संभाल लेता है) ।

"यह कहानी से सीख मिलती है कि बरसों से समाज की मान्यता है कि स्त्री पुरुष सिर्फ वही काम कर सकते हैं,जो वह पहले से करते आए हैं! पर हम हमारी कहानी से आपको यह बताना चाहते हैं कि स्त्री-पुरुष दोनों साथ मिलकर खुद का और एक दूसरे का काम भी कर सकते हैं !"